हिजाब तो एक बहाना है देश में नफरत फैलाना है क्योकि चार राज्यों में हो रहे हैं विधानसभा चुनाव।
कर्नाटक के उडुपी ज़िला के GOVT. PRE UNIVERSITY COLLEGE में इस बार स्कूल खुलने के बाद, एग्जाम से लगभग 2 महीने पहले, मुस्लिम लड़कियों को हिजाब में आने से रोका गया, जिसमें बहुत बड़ी संख्या में दुष्ट भगवाधारी लोग एक मुस्लिम हिजाब पहने हुए लड़की के साथ स्कूल में बदतमीजी पर उतर आए। अरे जाहिलो, UAPA के योग्य, भ्रष्ट मानसिकता के लोगों , श्री राम जी भी ऊपर से देखते होंगे, तो सोचते होंगे कि किन लोगों की नापाक और गंदी ज़ुबान से मेरा नाम लिया जा रहा है, जो लोग एक महिला के सम्मान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अरे भगवा रंग को लज्जित करने वाले भेड़ियों क्यों सनातन धर्म को एक अशांति के रूप में पेश कर रहे हो। वाल्मीकि की रामायण में लिखा है कि…. जब सीता जी को खोजते खोजते लक्ष्मण हनुमान के साथ निकले, तो रास्ते में हनुमान को चप्पल मिली तो उन्होंने लक्ष्मण से पूछा कि ये देखो कहीं ये चप्पल सीता जी की तो नहीं है ? तो लक्ष्मण ने कहा कि हा ये चप्पल तो मेरे भाभी की ही है। फिर थोड़ी दूर जा कर और भी कई समान मिला तो लक्ष्मण ने कहा कि ये तो मेरे भाभी की ही है। आखिर में हनुमान को नाक की नथुनी मिली , तो लक्ष्मण से पूछा कि ये भी सीता जी की है ? तो लक्ष्मण ने कहा कि , ” मुझे नहीं पता, लेकिन हो सकती है कि उन्ही की हो” तब हनुमान ने कहा कि सब सामानों के बारे में तुम्हे पता है कि सीता जी का है, लेकिन नथुनी को तुम कह रहे हो कि “हो सकती है ” इस पर लक्ष्मण ने कहा कि मै ये कैसे जान सकता हूं क्युकी मेरी भाभी ( सीता जी ) का चेहरा मैंने कभी देखा ही नहीं, वो तो मेरी भाई की पत्नी हैं मै उन्हें भला कैसे देख सकता। अंधभक्तों शर्म करो सनातन धर्म में इस प्रकार पर्दा ( हिजाब ) है, जो तुम नहीं जानते, क्योंकि तुम सनातनी हो ही नहीं, तुमने अपनी धार्मिक पुस्तकों को पढ़ा ही नहीं। काश पढ़े होते तो शायद आज एक अच्छे सनातनी होते। आज भी सभ्य घरानों की महिलाएं पूरा घूंघट काढ़ कर रखती हैं ताकि उनका चेहरा भी ना दिखे इसे है कहते हैं “भारतीय नारी” ; बाकी सब तो जो बे पर्दा हैं, वो हैं “INDIAN GIRLS”। वैसे सभी को संविधान के अनुसार धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है, जो चाहे पर्दा करे, जो चाहे पर्दा ना करे। सच्चाई यही है मेरे हिन्दू भाइयों जिन्होंने अपनी धार्मिक पुस्तकें नहीं पढ़ी, कृप्या उनका अध्ययन करें ताकि एक अच्छे सनातनी बन सकें। धन्यवाद !
अबू आमिर संवाददाता मऊ