दो हफ्ते पहले भोपाल आए थे वरुण सिंह:हेलिकॉप्टर क्रैश में यही एक बचे, परिवार तीनों सेनाओं से जुड़ा; पिता बोले- मेरा बेटा बहादुर है
कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में गंभीर रूप से घायल हुए गैलेंट्री अवॉर्ड विनर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह सैन्य परिवार से आते हैं। परिवार तीनों सेनाओं से जुड़ा है- जल, थल और नभ। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इंडियन एयरफोर्स (IAF) से हैं। उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह आर्मी एयर डिफेंस (AAD) की रेजिमेंट में थे। कर्नल केपी सिंह के दूसरे बेटे और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के छोटे भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह इंडियन नेवी में हैं।
वरुण के पिता केपी सिंह भोपाल में रहते हैं। भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा- ‘मेरा बेटा बहादुर है और वह हर परिस्थिति में लड़ना जानता है।’
छोटे बेटे तनुज की बेटी के बर्थडे में शामिल होने वे मुंबई गए थे, वहीं उन्हें हादसे की सूचना मिली।
देवरिया (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। उन्हें यह अवॉर्ड फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद भी 10 हजार फीट की ऊंचाई से तेजस विमान की सफल लैंडिंग कराने पर दिया था। वरुण ने आपदा के समय धैर्य नहीं खोया और आबादी से दूर ले जाकर विमान की सफल लैंडिंग कराई थी।

वरुण सिंह को इसी साल शौर्य चक्र से नवाजा गया है।
दो हफ्ते पहले ही भोपाल आए थे वरुण
वरुण के पिता केपी सिंह मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं, लेकिन भोपाल की कोर 24 से रिटायर्ड होने के बाद यहीं बस गए। वे भोपाल की एयरपोर्ट स्थित सनसिटी कॉलोनी के इनरकोर्ट अपार्टमेंट की 5वीं मंजिल पर रहते हैं। सिंह के पड़ोसी और लेफ्टिनेंट कर्नल ईशान आर ने बताया कि दो सप्ताह पहले ही वरुण भोपाल आए थे और 10 दिन यहीं रुके थे।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल केपी सिंह और मां उमा सिंह भोपाल में रहते हैं।
सर्जरी के लिए ले जाने से पहले पत्नी से करना चाहते थे बात
ग्रुप कैप्टन सिंह को इलाज के लिए वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया है। चेन्नई से स्पेशलिस्ट डॉक्टर को बुलाकर बुधवार रात ग्रुप कैप्टन सिंह का ऑपरेशन शुरू किया गया। ग्रुप कैप्टन सर्जरी के लिए ले जाने से पहले होश में थे और अपनी पत्नी से बात करना चाहते थे
चंडीगढ़ में पढ़े, फिर NDA में सिलेक्शन
वरुण सिंह के परिवार में पत्नी और एक बेटा-बेटी है। उन्हें CDS बिपिन रावत को रिसीव करने के लिए प्रोटोकॉल ऑफिसर बनाया गया था। वरुण ने चंडीगढ़ के चंडी मंदिर स्कूल से 12वीं तक की प